कांग्रेस सरकार द्वारा विभिन्न आयोग, मंडल, सहकारी बैंकों में की गई राजनीतिक नियुक्तियों के खिलाफ दायर याचिका शुक्रवार को खारिज कर दी। हाई कोर्ट ने मौखिक रूप से तल्ख टिप्पणी भी की है कि नियुक्तियां करना सरकार का अधिकार है।
हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता से ही पूछ लिया कि अभी सरकार है या चली गई। इस पर सरकार होने की बात कही गई तो हाईकोर्ट ने कहा कि इससे कोई संकट खड़ा नहीं हो गया। शासन की ओर से बताया गया कि अभी दो याचिकाएं और भी विचाराधीन हैं। इस पर हाई कोर्ट ने कहा- उन पर अलग से विचार किया जाएगा। महिला आयोग, अपेक्स बैंक, युवा आयोग सहित कई जगह सरकार ने राजनीतिक नियुक्ति की थी।
इन नियुक्ति को निरस्त किए जाने की मांग की गई थी। याचिका में कहा गया था कि सरकार अल्पमत में है। फ्लोर टेस्ट किया जाना है। ऐसे में सभी नियुक्ति रोकी जाएं और सरकार को नई नियुक्ति किए जाने पर भी रोक लगाई जाए। शासन की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता रवींद्रसिंह छाबड़ा ने पैरवी की।
कोर्ट को बताया कि सरकार ऐसी नियुक्ति के लिए स्वतंत्र है। हाईकोर्ट ने दोनों पक्ष सुनने के बाद याचिका खारिज कर दी। याचिकाकर्ता विवेक पटवा, श्रेयराज सक्सेना की ओर से भूपेंद्रसिंह कुशवाह ने यह याचिका दायर की थी।
इधर, इन नियुक्तियों को जबलपुर हाईकोर्ट में भी चुनौती दी गई है। आरटीआई कार्यकर्ता अजय दुबे ने याचिका दायर कर उक्त नियुक्तियों को निरस्त करने की मांग की है। शुक्रवार को मामले को सुनवाई के लिए स्वीकार करते हुए चीफ जस्टिस एके मित्तल और जस्टिस विजय शुक्ला की खंडपीठ ने 27 अप्रैल सुनवाई निर्धारित की है।